नियमपूर्वक संध्या करने से पापरहित होकर ब्रह्मलोक की प्राप्ति होती है.-रात या दिन में जो विकर्म हो जाते हैं, वे त्रिकाल संध्या से नष्ट हो जाते हैं. संध्या नहीं करने वाला मृत्यु के बाद कुत्ते की योनि में जाता है. संध्या नहीं करने से पुण्यकर्म का फल नहीं मिलता. समय पर की गई संध्या इच्छानुसार फल देती है. घर में संध्या वंदन से एक, गो-स्थान में सौ, नदी किनारे लाख तथा शिव के समीप अनंत गुना फल मिलता है. सायंकाल देवता के समक्ष दीप जलाकर उसे नमस्कार करें.SeeMore.........................
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