भगवान श्री राम पंचाग का श्रवण करते थे. क्योकि "तिथि" के श्रवण से लक्ष्मी , "वार" से आयु-वृद्धि, "नक्षत्र" से पाप-नाश,"योग" से प्रिय-जन-वियोग नाश, और "करण" के श्रवण से सब प्रकार कि मनोकामना पूर्ण होती है.तो आईये हम भी पंचाग के बारे में जाने और उसका पठन और श्रवण करे.