"राधा रानी जी की प्रधान सखी ललिता जी"
एक बार राधा जी बड़ी प्रसन्न थी, सोचने लगी कि मेरे जैसी कोई सखी होती तो मै उसके साथ खेलती, इतना सोचते ही उनके अंग से एक सखी प्रकट हो गई, जो ललिता जी बन गई वे उनकी अंतरंगा सखी है. राधा कृष्ण का जो विस्तार है उसमे ये सखिया दो रूपो से आती है. पहली होती है- खंडिता दशा. SeeMore................
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