जब आस पास के ब्रजवासियों की गायें घास चरने श्रीगोवेर्धन पर्वत पर जाती थी तब श्रावण शुक्ल पंचमी (नागपंचमी) सं. १४६६ के दिन सद्द् पाण्डे की घूमर नाम की गाय को खोजने गोवर्धन पर्वत पर गया, तब उन्हें श्री गोवर्द्धनाथजी की ऊपर उठी हुई वाम भुजा के दर्शन हुए. उसने अन्य ब्रजवासियों को बुलाकर ऊर्ध्व वाम भुजा के दर्शन करवाये। SeeMore.............
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