Sunday, 18 December 2011

"श्री नाथ जी के ग्वाल दर्शन"


प्रातःकालीन दर्शन में ये तीसरा दर्शन है जिसमे भगवान अपनी गौओ के साथ है जो नाथ द्वारा की गौशाला का मुखिया होता है वह आता है और कहता है कि सभी गाये अच्छी है. और माखन मिश्री देता है इस समय भगवान के पास बासुरी नहीं होती है भगवान इस समय अपने ग्वाल बाल सखाओ के साथ खेलते है.ये दर्शन "श्रीद्वारिकानाथजी" के भाव से खुलते हैं।"गोविन्द स्वामी जी" इस समय कीर्तन करते है. SeeMore..............

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