श्री रूप गोस्वामी सेवा कुञ्ज के अंतर्गत श्रीराधादामोदर मंदिर के पीछे छोटी सी भजनकुटी में साधन भजन करते थे .वे श्री चैतन्य महाप्रभु के आदेश से शास्त्र-प्रमाण अनुसार लुप्त तीर्थों को प्रकट करना चाहते थे .रूप गोस्वामी प्रतिदिन पञ्चकोसी वृन्दावन की परिक्रमा भी करते थे और ब्रज के वनों, उपवनों और ग्रामों में घूम-घूम कर योगपीठ को ढूंढा करते. SeeMore
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